Wednesday, January 25, 2012

क्या वो भी घबराई होगी ?

स्मृति मेरी, उसकी आँखों 
में आँसू क्या लायी होगी ?
क्या वो भी घबराई होगी ?

उसकी जाने कितनी यादें 
अब भी चलते साथ मेरे ,
उससे की अनगिन संवादें 
अब भी रहते पास मेरे ,
पर जो अर्जी है इस दिल की 
क्या उसकी सुनवाई होगी ?
क्या वो भी...................

मैं अब भी अपने सपनों का 
आधार उसी से पाता हूँ ,
मैं अब भी अपने जीवन का 
श्रृंगार उसी से पाता  हूँ ,
पर जो साथी छूट गया 
क्या उसकी भरपाई होगी ?
क्या वो भी................ 



  

Thursday, January 19, 2012

निरस्त उत्सव

नया वर्ष है,नयी सुबह है
पर मेरे आँखों में पानी 
मेरी बातें वही पुरानी 

क्या बदला इस नए वर्ष में 
जो मैं इसका जश्न मनाऊँ,
मेरा हिस्सा कहाँ हर्ष में 
जो मैं भी शामिल हो जाऊँ,
सबके वक़्त बदलते होंगे 
मेरी रहती वही कहानी 
मेरी बातें................


क्या पाया इस नए साल में
जो मैं भी इस पर इठलाऊँ,
क्या है अंतर मेरे हाल में 
जो मैं गीत ख़ुशी का गाऊँ,
आया होगा सूरज सब घर 
पर तम की मुझपर मनमानी 
मेरी बातें................