जब से सपना विस्तार हुआ
मानो जीवन बेकार हुआ
छोटा मकान था बेहतर था
क्यूँ विस्तृत पारावार* हुआ
सपनों की दुनिया जगमग थी
क्यूँ सच का निष्ठुर वार हुआ
मेरे इस शांत नशेमन* में
क्यूँ हलचल बारम्बार हुआ
न कुछ पा जीवन सुखमय था
सब पा जीवन निस्सार* हुआ
.........................................
पारावार* - सीमा, हद
नशेमन* - विश्राम करने का एकांत स्थल
निस्सार* - जिसमें कोई रोचक तत्व न हो
मानो जीवन बेकार हुआ
छोटा मकान था बेहतर था
क्यूँ विस्तृत पारावार* हुआ
सपनों की दुनिया जगमग थी
क्यूँ सच का निष्ठुर वार हुआ
मेरे इस शांत नशेमन* में
क्यूँ हलचल बारम्बार हुआ
न कुछ पा जीवन सुखमय था
सब पा जीवन निस्सार* हुआ
.........................................
पारावार* - सीमा, हद
नशेमन* - विश्राम करने का एकांत स्थल
निस्सार* - जिसमें कोई रोचक तत्व न हो