Saturday, January 19, 2013

अब तो आ जाओ

ज़िन्दगी सहरा* हुआ है, अब तो आ जाओ
घर बहुत बिखरा हुआ है, अब तो आ जाओ

दिन तो फिर भी ढल गया, अब रात बाकी है
जी बहुत घबरा रहा है, अब तो आ जाओ

कल तक कहो आने को मैंने तुम्हे तकलीफ दी
मामला गहरा हुआ है, अब तो आ जाओ

तर्क-ए-वफ़ा* के बाद से तो ज़िन्दगी रुक ही गई
पल वहीँ ठहरा हुआ है, अब तो आ जाओ

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सहरा* - खाली मैदान, रेगिस्तान
तर्क-ए-वफ़ा* - बेवफा हो जाना 

Monday, January 14, 2013

यादों का तिनका

कोई
बेरहम,बेपरवाह,बेतकल्लुफ*
हवा का झोंका
तेरी यादों के
तिनके उड़ा लाया था कभी
वो तिनका
अब तलक फँसा है
आँखों में
और
हर इक पल
टीसता है
सालता है
चुभता है मुझे
और
अब ये डर है
कि इससे निकलने वाले
अश्क
तुम्हारे घर में
सैलाब न ले आएं
कभी

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बेतकल्लुफ* - निस्संकोच